HINDI KAHANI STORY - AN OVERVIEW

hindi kahani story - An Overview

hindi kahani story - An Overview

Blog Article

hindi kahaniya for kids

प्रेमचन्द और जयशंकर प्रसाद के यथार्थ और आदर्श की दिशा से बिल्कुल हटकर मानव मन

ब्राह्मण, चोर और दानव : पंचतंत्र की कहानी

प्रेमचन्द युग से पूर्व की कहानियों की विशेषताऐं- 

इन कहानियों में ऐतिहासिक तथ्यों को भी उजागर किया जाता है। ये ही कहानियाँ

बड़े-बड़े शहरों के इक्के-गाड़ीवालों की ज़बान के कोड़ों से जिनकी पीठ छिल गई है, और कान पक गए हैं, उनसे हमारी प्रार्थना है कि अमृतसर के बंबूकार्ट वालों की बोली का मरहम लगावें। जब बड़े-बड़े शहरों की चौड़ी सड़कों पर घोड़े की पीठ चाबुक़ से धुनते हुए, इक्के वाले कभी चंद्रधर शर्मा गुलेरी

कस्बों के जन जीवन पर लिखी कहानियों के अतिरिक्त वर्तमान समाज की विकृतियों, व्यक्तियों के

मैं अमीर नहीं हूँ। बहुत कुछ समझदार भी नहीं हूँ। पर मैं परले दरजे का माँसाहारी हूँ। मैं रोज़ जंगल को जाता हूँ और एक-आध हिरन को मार लाता हूँ। यही मेरा रोज़मर्रा का काम है। मेरे घर में रुपये-पैसे की कमी नहीं। मुझे कोई फ़िकर भी नहीं। इसी सबब से हर रोज़ मैं निज़ाम शाह

उस दिन बड़े सबेरे जब श्यामू की नींद खुली तब उसने देखा—घर भर में कुहराम मचा हुआ है। उसकी काकी उमा एक कंबल पर नीचे से ऊपर तक एक कपड़ा ओढ़े हुए भूमि-शयन कर रही हैं, और घर के सब लोग उसे घेरकर बड़े करुण स्वर में विलाप कर रहे हैं। लोग जब उमा को श्मशान सियारामशरण गुप्त

विकास में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका उपन्यास सम्राट मुशी प्रेमचन्द ने निभायी। इस

अपेक्षा आदमी की वैयक्तिक पीड़ाओं और मानसिक अन्तर्द्वन्द्व को अधिक महत्व दिया।

क्रोध और वेदना के कारण उसकी वाणी में गहरी तलख़ी आ गई थी और वह बात-बात में चिनचिना उठता था। यदि उस समय गोपी न आ जाता, तो संभव था कि वह किसी बच्चे को पीट कर अपने दिल का ग़ुबार निकालता। गोपी ने आ कर दूर से ही पुकारा—'साहब सलाम भाई रहमान। कहो क्या बना रहे विष्णु प्रभाकर

गाड़ी आने के समय से बहुत पहले ही महेंद्र स्टेशन पर जा पहुँचा था। गाड़ी के पहुँचने का ठीक समय मालूम न हो, यह बात नहीं कही जा सकती। जिस छोटे शहर में वह आया हुआ था, वहाँ से जल्दी भागने के लिए वह ऐसा उत्सुक हो उठा था कि जान-बूझ कर भी अज्ञात मन से शायद किसी इलाचंद्र जोशी

से कुछ यथार्थवादी कहानियाँ हैं तो कहानियाँ। कुछ आदर्शवादी

आदर्शवादी कहानियाँ हैं तो मधुवा, और गुंडा जैसी कहानियाँ यथार्थवादी कहानी

Report this page